एक दिन, राजा शिकार खेलते हुए उस गांव में पहुंचा और बच्चे की कहानी सुनी। उसे यह सुनकर गुस्सा आया क्योंकि उसकी खुद की बेटी थी। राजा ने सोचा कि अगर वह इस बच्चे को खत्म कर दे, तो भविष्यवाणी कभी पूरी नहीं होगी। उसने उस बच्चे को खरीदकर एक लकड़ी के बक्से में बंद कर नदी में बहा दिया।
लेकिन, बच्चा मरने के बजाय एक पनचक्की के पास जाकर अटक गया। वहां के मालिक ने उसे गोद ले लिया और बड़े प्यार से पाला। समय बीता और वह बच्चा बड़ा हुआ, और उसका सौंदर्य सभी को मंत्रमुग्ध कर देता था।
एक दिन, राजा वहां से गुजरा और लड़के को देखकर चौंक गया। उसने उसे खत्म करने का एक और तरीका निकाला और उसे रानी के पास एक पत्र भेजने का काम सौंपा। उस पत्र में लिखा था कि लड़के को मार दिया जाए, लेकिन रास्ते में वह लड़का एक डाकुओं के ठिकाने पर रुक गया। डाकुओं ने उस पत्र को बदल दिया और उसमें लिखा कि लड़के से राजकुमारी का विवाह कर दिया जाए।
राजा ने जब यह सुना तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने लड़के से शैतान के तीन सोने के बाल लाने की असंभव शर्त रखी। लड़का एक लंबी यात्रा पर निकल पड़ा। अपनी यात्रा के दौरान उसने तीन शहरों में तीन समस्याओं का सामना किया, जिनके जवाब उसे शैतान से चाहिए थे।
आखिरकार, वह शैतान के घर पहुंचा, जहां उसकी धाय मां ने उसे बचाने के लिए चींटी बना दिया और अपनी स्कर्ट में छिपा लिया। रात में, धाय मां ने शैतान के बाल उखाड़कर उसके सवालों का जवाब प्राप्त किया। शैतान ने बताया कि सूखे कुएं के नीचे एक बड़ा मेढ़क था, सूखे पेड़ की जड़ में एक चूहा था, और नाविक को केवल अपना चप्पू किसी और को देना था।
धाय मां ने वह तीन सोने के बाल लड़के को दिए और वह वापस लौट आया। उसने उन तीनों शहरों के लोगों को उनके सवालों के जवाब दिए और अंत में राजा के पास पहुंचा। राजा ने अपनी बेटी का विवाह उस लड़के से होते देख उसे अपना लिया। लड़का और राजकुमारी खुशी-खुशी राज्य पर राज करने लगे।
कहानी की शिक्षा:
- धैर्य और साहस से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
- भाग्य और कड़ी मेहनत मिलकर किसी की भी किस्मत बदल सकते हैं।