करवा चौथ व्रत: ऐसे करें पूजन विधि पुर्ण ह़ोगी मनोकामनाएं

कैसे करें करवा चौथ व्रत आइए जानते हैं। करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं। आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत की सरल और उत्तम पूजन विधि, जिससे आपको व्रत का 100 गुना फल प्राप्त होगा।

व्रत और पूजन की विधि


1. व्रत का संकल्प

   - सूर्योदय से पहले स्नान करें और व्रत रखने का संकल्प लें।

   - सरगी (जिसमें मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी होती है) का सेवन करें और व्रत शुरू करें।

2. शिव परिवार और श्रीकृष्ण की पूजा

   - संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें।

   - गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले अर्पित करें।

   - भगवान शिव और माता पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं।

   - श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं।

   - मोगरा या चंदन की अगरबत्ती जलाएं और घी का दीपक प्रज्वलित करें।

3. करवे की पूजा


  - मिट्टी के करवे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।

   - करवे में दूध, जल और गुलाब जल मिलाएं और इसे चंद्रमा की पूजा के लिए सुरक्षित रखें।

4. चंद्र दर्शन


 - रात को चंद्रमा के निकलने पर छलनी से चंद्र दर्शन करें।

   - चंद्रमा को अर्घ्य दें (दूध, जल और गुलाब जल से)।

   - फिर पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

5. सोलह श्रृंगार और कथा

   - इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, जिससे सौंदर्य बढ़ता है और व्रत का फल भी प्राप्त होता है।

   - करवा चौथ की कथा सुनें या सुनाएं। इसके लिए 13 बिंदियां करवे पर रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर कथा सुनें।

   - कथा के बाद अपने सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें करवा दें।

6. व्रत खोलने की प्रक्रिया


   - चंद्र दर्शन और अर्घ्य के बाद पति से आशीर्वाद लें।

   - पति को भोजन कराएं और फिर स्वयं भोजन करें।

   - आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।

करवा चौथ व्रत से जुड़ी 13 खास बातें:


1. करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और समृद्धि के लिए रखा जाता है।

2. सूर्योदय से पहले सरगी खाई जाती है।

3. दिन भर निर्जला व्रत रखा जाता है।

4. व्रत के दौरान शिव परिवार और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।

5. गणेश जी को लड्डू और केले अर्पित किए जाते हैं।

6. भगवान शिव और माता पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार चढ़ाए जाते हैं।

7. श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है।

8. करवे पर स्वस्तिक बनाकर उसमें दूध, जल और गुलाब जल मिलाया जाता है।

9. रात में चंद्रमा के निकलने पर उसे अर्घ्य दिया जाता है।

10. सोलह श्रृंगार किया जाता है।

11. करवा चौथ की कथा सुनी जाती है।

12. सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है।

13. चंद्र दर्शन के बाद पति से आशीर्वाद लेकर व्रत खोला जाता है।

करवा चौथ के इस व्रत में पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के साथ, यह व्रत अत्यधिक शुभ और पुण्यदायक माना जाता है।

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