क्यों की जाती है दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त पूजा का धार्मिक महत्व

विनोद kumar झा

दीपावली, भारत का एक प्रमुख और शुभ पर्व है, जो खुशहाली, धन-संपदा और सुख-समृद्धि का प्रतीक है। इस पर्व पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की संयुक्त पूजा का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस पूजा के बिना इस पर्व की भावना अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं कि आखिर दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा एक साथ क्यों की जाती है।

पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यता

एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार वैकुंठ में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के बीच एक चर्चा हुई। देवी लक्ष्मी ने अभिमानवश कहा कि वे धन और सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं, जिससे उनकी पूजा सर्वोच्च हो जाती है। भगवान विष्णु ने उन्हें समझाते हुए कहा कि केवल धन से जीवन पूर्ण नहीं होता, बुद्धि और विवेक भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इसपर देवी लक्ष्मी ने अपने अभिमान को त्यागने के लिए देवी पार्वती से सहयोग मांगा। तब पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को लक्ष्मी को दत्तक पुत्र के रूप में सौंपा। तब से, यह मान्यता बनी कि जो भी लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा करता है, उसे संपत्ति के साथ-साथ विवेक और बुद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

लक्ष्मी-गणेश पूजन का धार्मिक उद्देश्य

शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना गया है, जबकि भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना जाता है। धन का सही उपयोग करने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है, और यही कारण है कि दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की एक साथ पूजा की जाती है। यह पूजा इस बात को सुनिश्चित करती है कि व्यक्ति को न केवल धन की प्राप्ति हो, बल्कि उस धन का सदुपयोग कर सही निर्णय लेने की बुद्धि भी मिले। 

गणेश जी की प्रथम पूज्य होने की मान्यता

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पूजा या शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के बिना नहीं होती। गणेश जी विघ्न विनाशक और ऋद्धि-सिद्धि के प्रदाता माने जाते हैं। इसलिए दिवाली पर भी गणेश पूजा की जाती है, ताकि नए कार्यों में कोई विघ्न न आए और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद स्थायी रहे। 

लक्ष्मी का धन और गणेश का विवेक – एक संतुलन

हमारे जीवन में केवल धन का होना पर्याप्त नहीं है; विवेक, धैर्य और बुद्धि भी आवश्यक हैं, ताकि उस धन का सही ढंग से उपयोग हो सके। धन के साथ विवेक के महत्व को दर्शाने के लिए ही दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। 

दीपावली की महानिशा और लक्ष्मी का आशीर्वाद

कहते हैं कि दीपावली की अमावस्या की रात, जिसे महानिशा भी कहते हैं, मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। जो भी भक्त इस रात उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करता है, उसे लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे पूरे वर्ष धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

लक्ष्मी-गणेश पूजन: समृद्धि और सौभाग्य की कामना

दिवाली के इस पर्व पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा से भक्तों को सुख, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व केवल धन-संपदा का नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और विवेक का संतुलन भी सिखाता है।

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