भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है कार्तिक मास: ऐसे करें धार्मिक अनुष्ठान
कार्तिक मास का आरंभ 18 अक्टूबर 2024 से लेकर 15 नवंबर 2024 तक चलेगा
विनोद कुमार झा
हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है, खासकर भगवान विष्णु के भक्तों के लिए। यह चातुर्मास का अंतिम चरण होता है और इसे शुभता और देवत्व का प्रतीक माना जाता है। इस महीने में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यों का बड़ा महत्व है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। इस वर्ष, कार्तिक मास का आरंभ 18 अक्टूबर 2024 से हुआ है और यह 15 नवंबर 2024 तक चलेगा।
भगवान विष्णु को कार्तिक मास अत्यंत प्रिय है
भगवान विष्णु को कार्तिक मास अत्यंत प्रिय है, और इस महीने को ‘देव पक्ष’ भी कहा जाता है। इस दौरान विष्णु भक्त और वैष्णव परंपरा के अनुयायी विशेष रूप से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना करते हैं। विशेष रूप से इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण के ‘दामोदर’ रूप की पूजा की जाती है। इस स्वरूप का नाम ‘दामोदर’ इसलिए पड़ा क्योंकि एक समय माता यशोदा ने उन्हें रस्सी से ओखली में बांध दिया था।
श्रीमद्भागवत गीता और विष्णु पुराण में भी कार्तिक मास का महात्म्य वर्णित है। यह महीना उत्सवों से भरा हुआ है, जैसे दीपावली, धन त्रयोदशी, गोवर्धन पूजा, और तुलसी विवाह। इन सभी अवसरों पर विशेष पूजा-पाठ, दीपदान और दान-पुण्य का आयोजन किया जाता है।
धन और समृद्धि का महीना है कार्तिक
कार्तिक मास को विशेष रूप से धन और समृद्धि से जोड़ा जाता है। इस महीने के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं, और इस दौरान देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को धन, सुख और समृद्धि का वरदान देती हैं। दीपावली, जो इस महीने का सबसे प्रमुख त्योहार है, माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए मनाई जाती है। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों और दान का विशेष फल मिलता है।
कार्तिक में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। कार्तिक मास में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है और तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाने से अविवाहित कन्याओं के विवाह के योग बनते हैं और दांपत्य जीवन में शांति और सुख प्राप्त होता है।
ऐसे करें मां तुलसी की पूजा
1. कार्तिक मास में रोज़ाना तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए।
2. इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
3. अविवाहित कन्याओं के विवाह की बाधाएँ दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में समस्याओं का समाधान होता है।
कार्तिक मास में संयम, त्याग और धर्म का पालन करना अत्यंत ही जरूरी
कार्तिक मास के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। यह मास संयम, त्याग और धर्म का पालन करने का समय होता है।
1. इस महीने में गर्म स्वभाव की चीजों का सेवन करना चाहिए, जैसे कि सूखे मेवे और घी।
2. दालों का सेवन इस महीने वर्जित माना जाता है।
3. सूर्योदय के समय स्नान करना शुभ माना जाता है।
4. दिन में सोने से बचना चाहिए और ज्यादा समय पूजा-अर्चना में लगाना चाहिए।
5. स्नान के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।
कार्तिक मास में भगवान श्रीकृष्ण के दामोदर रूप की पूजा का विशेष महत्व
कार्तिक मास में भगवान श्रीकृष्ण के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। इस स्वरूप की पूजा का एक विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को दर्शाता है, जब माता यशोदा उन्हें रस्सी से बांध देती थीं। इस पूजा से भक्तों को भगवान की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
कार्तिक मास में दीपदान का महत्व
कार्तिक मास में दीपदान का भी विशेष महत्व है। घर के मंदिर में और तुलसी के पौधे के नीचे घी के दीपक जलाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस महीने में विशेष रूप से हर दिन एक दीपक जलाने की परंपरा है, जो आंतरिक ज्ञान और आध्यात्मिकता को प्रकट करता है। यह दीपक हमें जीवन में सच्चाई और ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
कार्तिक पूर्णिमा और कृतिका नक्षत्र
कार्तिक मास की पूर्णिमा को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह दिन कृतिका नक्षत्र के साथ जुड़ा हुआ है। इस दिन नदी में स्नान, दीपदान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है।
कार्तिक मास हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र समय होता है। इस महीने में किए गए धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है। यह महीना भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है, जो हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है। इस महीने का हर दिन हमें धर्म और पुण्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।