विनोद kumar झा
नमस्कार ! आज मैं आपके लिए एक बेहद दिलचस्प जानकारी लेकर आया हूं, जो मकर संक्रांति और काले तिल से जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है और इस दिन से सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ते हैं। मकर संक्रांति को स्नान, दान, और तिल के विशेष प्रयोगों के लिए जाना जाता है।
इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, भगवान सूर्य सुबह 9:03 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस शुभ अवसर पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने और तिल के दान का विशेष महत्व है।
जाने मकर संक्रांति पर काले तिल का महत्व
मकर संक्रांति के दिन तिल से बने लड्डू, खिचड़ी, और अन्य व्यंजन बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित किए जाते हैं। तिल, जो सफेद और काले दो प्रकार के होते हैं, में विशेष रूप से काले तिल का अधिक महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन काले तिल के उपायों से भगवान सूर्य और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय न केवल सुख-समृद्धि लाते हैं, बल्कि रोग और दोषों से भी छुटकारा दिलाते हैं।
मकर संक्रांति पर तिल के विशेष उपाय
स्नान और अर्घ्य में तिल का करें प्रयोग: मकर संक्रांति के दिन स्नान के पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करें। यह सभी प्रकार के दोषों और रोगों से छुटकारा दिलाता है। स्नान के बाद सूर्य देव को जल में काला तिल मिलाकर अर्घ्य दें। इससे करियर और जीवन में उन्नति होती है।खिचड़ी में काले तिल मिलाकर दान करें: खिचड़ी का दान इस पर्व पर शुभ माना गया है। काले तिल के साथ खिचड़ी का दान करने से सूर्य देव और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तिल के लड्डू का प्रसाद: इस दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित करें और परिवार के साथ इसका सेवन करें। इससे घर में सुख-शांति और सेहत बनी रहती है।
यज्ञ में तिल की आहुति: मान्यता है कि इस दिन तिल से यज्ञ और हवन करने से विशेष फल मिलता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
मकर संक्रांति केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इस दिन के धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों के साथ तिल से जुड़े उपायों को अपनाकर अपने जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।