तिरंगा पहचान ही नहीं, शान है

विनोद कुमार झा

जय हिन्द!भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा केवल एक झंडा नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की गरिमा, स्वतंत्रता, और एकता का प्रतीक है। यह तिरंगा भारतीय जनता के संघर्ष, बलिदान और स्वाभिमान की अद्वितीय कहानी कहता है। इसके तीन रंग और बीच में स्थित अशोक चक्र अपने भीतर गहरा अर्थ समेटे हुए हैं, जो हर भारतीय को गर्व और प्रेरणा से भर देते हैं।  

तिरंगे में तीन रंग – केसरिया, सफेद और हरा – हैं, जो अपने-अपने अर्थों को प्रकट करते हैं:  केसरिया रंग साहस, बलिदान, और त्याग का प्रतीक है। यह हमें प्रेरित करता है कि हमें अपने देश और समाज के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करना चाहिए।  सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन और राष्ट्र में सामंजस्य और न्याय महत्वपूर्ण हैं।  हरा रंग समृद्धि और हरियाली का प्रतीक है। यह हमारे देश की प्रगति और पर्यावरणीय संतुलन के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है।  अशोक चक्र धर्म और प्रगति का प्रतीक है। इसमें 24 तीलियाँ हैं, जो दिन के 24 घंटे को दर्शाती हैं और यह संदेश देती हैं कि हमें हर पल आगे बढ़ने के लिए कार्यरत रहना चाहिए।  

तिरंगा हमें विविधता में एकता का पाठ पढ़ाता है। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में, यह झंडा हमें एकजुट करता है। चाहे हम विभिन्न धर्म, भाषा, या संस्कृति से हों, तिरंगे के नीचे हम सभी भारतीय हैं।  तिरंगे का निर्माण स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुआ था। 15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। यह केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का प्रतीक है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजाद कराया। 

तिरंगे का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। इसे हमेशा ऊँचाई पर फहराया जाना चाहिए और इसे संभालने में उचित मर्यादा का पालन करना चाहिए। यह सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल की धड़कन है।  

तिरंगा हमारी पहचान है, हमारा गौरव है। यह हमें हमारे कर्तव्यों और अधिकारों की याद दिलाता है। तिरंगे के नीचे हम सभी समान हैं और यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश की उन्नति के लिए कार्यरत रहें। आइए, हम तिरंगे के प्रति अपनी निष्ठा और सम्मान को बनाए रखें और अपने देश के प्रति अपने दायित्वों को निभाएं।  "तिरंगे के बिना हमारी पहचान अधूरी है, और इसके साथ हमारा अस्तित्व महान है।"

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