विनोद कुमार झा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर अपना भरोसा जताया और पूर्ण बहुमत से उसे विजय दिलाई। अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जनता का यह विश्वास सरकार के कामकाज से और कितना मजबूत होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादे, जनता की उम्मीदें और दिल्ली के विकास का सफर अब किस दिशा में आगे बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
इस चुनाव ने यह भी दर्शाया कि सत्ता परिवर्तन समय का नियम है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि कभी देश की राजनीति में शीर्ष पर रही कांग्रेस का दिल्ली से लगभग सफाया हो गया। यह परिणाम साफ दर्शाते हैं कि दिल्ली की जनता ने इस बार भारतीय जनता पार्टी को ही प्राथमिकता दी है।
गृह मंत्री अमित शाह अक्सर कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के दिल में दिल्ली बसती है। भाजपा सरकार ने दिल्ली की तमाम समस्याओं के समाधान का वादा किया है, जिनमें यमुना नदी की सफाई, कचरे के पहाड़ों का निपटारा, भ्रष्टाचार पर लगाम और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में सरकार कैसे कदम उठाती है, यह देखने के लिए जनता को इंतजार करना होगा।
अब दिल्ली में केंद्र और राज्य, दोनों जगह भाजपा की सरकार होगी, जिसे 'डबल इंजन सरकार' कहा जाता है। उम्मीद की जा रही है कि इससे दिल्ली का विकास तेज़ी से होगा और जनता की समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी तरीके से किया जाएगा। जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर बदलाव की नींव रख दी है, अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह इन उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।