विनोद कुमार झा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। चुनावी नतीजों के बाद से ही जनता और राजनीतिक विश्लेषकों में यह चर्चा जोरों पर है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा और शपथ ग्रहण समारोह कब होगा।भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद दिल्ली की जनता नए मुख्यमंत्री की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रही है। जनता ने पार्टी पर विश्वास जताया है, और अब भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह अपने नेतृत्व का चुनाव सोच-समझकर करे, ताकि दिल्ली के विकास को गति मिले। दिल्ली में कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया है। एक समय पर दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह हाशिए पर चली गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की स्थिति भी कमजोर होती नजर आ रही है। भाजपा की इस शानदार जीत ने साफ कर दिया है कि जनता ने पार्टी की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास योजनाओं पर भरोसा जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से जनता की भावनाओं को समझने और उनके हितों के लिए काम करने में आगे रहे हैं। उनकी नीतियों और योजनाओं ने देश के हर वर्ग तक विकास पहुंचाने का काम किया है। यही कारण है कि जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताया। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व इस चुनावी जीत में एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। अब सवाल यही है कि भाजपा कब अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगी। सवाल यह है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को नहीं समझते हैं, वो कयासबाज़ी करते हैं। वे किस को मुख्यमंत्री बनाएंगे, इसका फैसला वे चुनाव से पहले ही कर लेते हैं। क्या प्रवेश वर्मा को यह जिम्मेदारी मिलेगी, या कोई और नेता दिल्ली की कमान संभालेंगे? पार्टी की ओर से जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा, और इसके साथ ही शपथ ग्रहण समारोह की तारीख भी घोषित होगी।
दिल्ली की जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है, और अब पार्टी पर यह जिम्मेदारी है कि वह सही नेतृत्व देकर दिल्ली के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए। मुख्यमंत्री पद का फैसला चाहे जो भी हो, एक बात तय है कि भाजपा के इस कार्यकाल से दिल्ली में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।