विनोद कुमार झा
दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का 9वां मुख्यमंत्री नियुक्त किया। यह निर्णय न केवल भाजपा की रणनीतिक सोच को दर्शाता है, बल्कि महिला नेतृत्व को सशक्त करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उपराज्यपाल ने रेखा गुप्ता को शपथ दिलाई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा अब दिल्ली की सत्ता को एक नए दृष्टिकोण से संचालित करने के लिए तैयार है। रेखा गुप्ता की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'नारी शक्ति' को आगे बढ़ाने की नीति का प्रमाण है। भाजपा लंबे समय से महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने पर जोर देती रही है, और यह नियुक्ति उसी का एक ठोस उदाहरण है। रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनीं और अब उन्हें दिल्ली का नेतृत्व करने का अवसर मिला है। यह भाजपा की महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और देशभर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का कार्य करेगा।भाजपा ने अपने मंत्रिमंडल के गठन में जातिगत संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा है। पार्टी ने दलित, राजपूत, सिख और अन्य समुदायों से नेताओं को मंत्री पद देकर अपने सामाजिक समीकरण को और मजबूत किया है। यह न केवल राजनीतिक दूरदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि भाजपा के 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत की भी पुष्टि करता है।
रेखा गुप्ता के साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनका चयन सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर किया गया है। इन मंत्रियों में अनुभवी और नए दोनों ही नेता शामिल हैं, जो विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं वह इस प्रकार है : प्रवेश वर्मा (नई दिल्ली विधानसभा) - भाजपा के भरोसेमंद और अनुभवी नेता। आशीष सूद (जनकपुरी विधानसभा) - मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रमुख नाम। मनजिंदर सिंह सिरसा (राजौरी गार्डन) - अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। रविंद्र इंद्राज सिंह (बवाना विधानसभा) - भाजपा के बड़े दलित चेहरे में गिने जाते हैं। कपिल मिश्रा (करावल नगर विधानसभा) - आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में आए थे।पंकज सिंह (विकासपुरी विधानसभा) - राजपूत समाज के बड़े चेहरे माने जाते हैं। रामलीला मैदान में आयोजित इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने भाग लिया। इस समारोह को भाजपा के शक्ति प्रदर्शन और भविष्य की नीतियों की झलक के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली में पार्टी की पकड़ को और मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर था। भाजपा के इस नए नेतृत्व से दिल्ली में विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दिल्ली में पहले की सरकारों के दौरान कई मुद्दे उठते रहे हैं, जिनमें प्रदूषण, यातायात, जल संकट और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सवाल प्रमुख हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रेखा गुप्ता अपनी नेतृत्व क्षमता से राजधानी की राजनीतिक दिशा को कैसे प्रभावित करती हैं।
रेखा गुप्ता की ताजपोशी को भाजपा की दीर्घकालिक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। यह निर्णय न केवल दिल्ली की राजनीति में पार्टी की पकड़ मजबूत करेगा, बल्कि 2029 के आम चुनावों के लिए भी एक ठोस आधार तैयार करेगा। महिला नेतृत्व को बढ़ावा देकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि पार्टी समावेशी राजनीति में विश्वास रखती है। रेखा गुप्ता की नियुक्ति भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह निर्णय भाजपा की रणनीतिक सोच, महिला सशक्तिकरण और जातिगत संतुलन की गहरी समझ को दर्शाता है। दिल्ली की जनता को अब इस नए नेतृत्व से कई उम्मीदें हैं, और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की यह नई टीम इन उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।