विनोद कुमार झा
महाकुंभ भारत की प्राचीन संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं का भव्य उत्सव है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि भारतीय समाज के अनुशासन, सहयोग और संयम का भी प्रतीक है। कुंभ के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम नगरी में एकत्र होते हैं, लेकिन यह आवश्यक है कि यह धार्मिक आयोजन सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।
सरकार और प्रशासन ने महाकुंभ के दौरान सुव्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे इन व्यवस्थाओं का पूरा लाभ उठाएं, यात्रा की योजना पहले से बनाएं और अपने सुरक्षित स्नान को प्राथमिकता दें। यह सुनिश्चित करें कि रेलवे या बस यात्रा के लिए टिकट कन्फर्म हो, ताकि अनावश्यक असुविधा और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक अनुशासित और शांतिपूर्ण समाज का प्रतिबिंब भी है। प्रत्येक श्रद्धालु का दायित्व है कि वह सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करे, भीड़ को नियंत्रित रखने में प्रशासन का सहयोग करे और दूसरों को भी इस दिशा में प्रेरित करे।
महाकुंभ में जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी आस्था किसी के लिए परेशानी का कारण न बने। व्यवस्थित ढंग से स्नान करें, प्रशासन के नियमों का पालन करें और अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें। यह आयोजन हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है, इसे सुरक्षित और गरिमामय बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। आखिरकार, "जान है तो जहान है।"