विनोद कुमार झा
लोकसभा में पारित इमिग्रेशन एंड फारनर्स बिल, 2025, भारत की सुरक्षा और प्रवासन नीति के लिहाज से एक अहम कानून साबित हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश करते हुए स्पष्ट किया कि यह देश धर्मशाला नहीं है, और जो लोग देश की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे, उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। यह कानून उन सभी विदेशी नागरिकों के व्यवस्थित, अद्यतन और एकीकृत लेखा-जोखा को सुनिश्चित करेगा जो भारत आते हैं। यह विधेयक देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए प्रवासन से जुड़ी नीतियों को एक समग्र ढांचे में ढालने का प्रयास है। भारत जैसे विशाल देश में प्रवासन का प्रभाव केवल सामाजिक या सांस्कृतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सुरक्षा से भी जुड़ा होता है। इस नए विधेयक के माध्यम से सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है कि विदेशी नागरिकों की पहचान, प्रवास अवधि और उद्देश्य की सटीक निगरानी करना। गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को प्रस्तुत करते हुए कहा कि अब तक प्रवास से जुड़े विभिन्न नियम और कानून बिखरे हुए थे। इस नए विधेयक के जरिए सरकार ने उन्हें एकीकृत करने का प्रयास किया है। इससे भारत आने वाले हर विदेशी नागरिक की पूरी जानकारी सरकार के पास उपलब्ध होगी, जिससे किसी भी प्रकार की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने में सहूलियत होगी।बिल की प्रस्तावना में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रवासियों की निगरानी केवल सुरक्षा कारणों से नहीं, बल्कि आर्थिक और शैक्षिक अवसरों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। जो विदेशी भारत में व्यापार, निवेश, शिक्षा या पर्यटन के लिए आते हैं, उनके स्वागत के साथ-साथ, घुसपैठियों और अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर सख्ती करना भी सरकार की प्राथमिकता होगी। बिल के पारित होने के दौरान गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सीमा क्षेत्र में फेंसिंग के लिए भूमि न दिए जाने की भी आलोचना की। यह चिंता का विषय है कि 450 किमी की सीमा क्षेत्र में उचित सुरक्षा उपाय न होने के कारण घुसपैठियों की संख्या बढ़ सकती है। सीमा सुरक्षा को सुनिश्चित करना केवल केंद्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि राज्य सरकारों को भी इसमें पूरा सहयोग देना चाहिए।
भारत का डायस्पोरा 146 देशों में फैला हुआ है और लगभग 1.72 करोड़ अनिवासी भारतीय (NRI) विभिन्न देशों में रह रहे हैं। उनकी सुचारु आवाजाही और उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए भी यह विधेयक एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका बढ़ रही है और यह विधेयक इसे और मजबूती देने में सहायक हो सकता है।इमिग्रेशन एंड फारनर्स बिल, 2025, भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और प्रवासन नीति के लिए एक निर्णायक पहल है। यह विधेयक विदेशी नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करने, अवैध घुसपैठ को रोकने और प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने का संतुलित प्रयास करता है। राज्य सरकारों को भी इस दिशा में केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि भारत की सीमाएं सुरक्षित रहें और प्रवास नीति प्रभावी रूप से लागू हो सके।