विनोद कुमार झा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का असम दौरा न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि असम अब शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। शाह ने जोरहाट में पुनर्निर्मित पुलिस अकादमी के पहले चरण का उद्घाटन किया और इसके दूसरे चरण की नींव रखी। यह पुलिस अकादमी आने वाले वर्षों में देश की सर्वश्रेष्ठ अकादमियों में शामिल हो सकती है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था और अधिक प्रभावी होगी।
असम एक समय सांप्रदायिक और जातीय संघर्षों का केंद्र रहा है। गृह मंत्री ने खुद इस बात को रेखांकित किया कि कैसे 2016 से पहले कांग्रेस शासन में राज्य दंगों की आग में झुलसता रहा। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सरकार की सख्त नीतियों और सुशासन के प्रयासों से असम को इस हिंसा और अस्थिरता से बाहर निकाला गया है। आज, असम न केवल राजनीतिक स्थिरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रहा है। शाह ने लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी के महत्व को भी रेखांकित किया। लाचित बरफुकन, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ते हुए असम को विजय दिलाई थी, असम के लिए केवल ऐतिहासिक गौरव का विषय नहीं हैं, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आने वाली पीढ़ियां भी देश की सेवा में अपना योगदान देंगी। इस अकादमी का नामकरण उनकी विरासत को संजोने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके अलावा, अमित शाह का यह दौरा असम और पूर्वोत्तर में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण है। अपराधों की रोकथाम और न्याय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इन कानूनों का सुचारू कार्यान्वयन आवश्यक होगा। इसके साथ ही, शाह ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के वार्षिक सम्मेलन में भी शामिल होंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के अलग-अलग समुदायों के साथ संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। असम की यह यात्रा केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह राज्य के सुरक्षा तंत्र को मजबूती देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और विकास के नए अवसरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह दिखाता है कि असम, जो कभी अशांति और हिंसा से जूझ रहा था, अब प्रगति और स्थिरता की नई कहानी लिखने के लिए तैयार है।