देशभर में शुक्रवार को होली का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर शुभकामनाएं दीं और पारंपरिक अंदाज में उत्सव का आनंद लिया। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर कई बड़े शहरों में सुबह सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहीं, और मेट्रो सेवाएं दोपहर के बाद ही बहाल की गईं।
इस बार होली और रमजान के दूसरे जुमे (शुक्रवार की नमाज) के एक ही दिन होने के कारण प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। दिल्ली में 25,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए, जबकि 300 संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन से की गई। उत्तर प्रदेश के संभल में, जहां पूर्व में तनाव की स्थिति देखी गई थी, होली शांतिपूर्ण रही। पारंपरिक 'चौपाई का जुलूस' निकाला गया, और मस्जिदों में जुमे की नमाज भी सौहार्दपूर्ण माहौल में अदा की गई।
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि जिले में 1,212 स्थानों पर होलिका दहन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, और 60 से अधिक जुलूस निकाले गए। शहर को 29 सेक्टरों में विभाजित कर ड्रोन से निगरानी की गई, और आरएएफ ने फ्लैग मार्च किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं दीं, और इसे भारत की एकता को मजबूत करने वाला पर्व बताया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि "त्योहारों के माध्यम से भारत आगे बढ़ता है," और होली को एकता व समरसता का प्रतीक बताया। गोरखपुर में उन्होंने नरसिंह शोभायात्रा में भाग लिया और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की।
पश्चिम बंगाल में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकों के आपसी बंधन को मजबूत करने की प्रार्थना की, जबकि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी प्रदेशवासियों को बधाई दी। बिहार, गोवा, असम, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी होली का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने अल्पसंख्यकों के लिए होली को भय का अनुभव बना दिया है, और इसे सरकार की सहमति प्राप्त है।
देशभर में उत्सव की चमक के साथ-साथ सुरक्षा की सख्त निगरानी भी देखने को मिली, जिससे त्योहार शांतिपूर्ण रहा। विभिन्न समुदायों ने मिलकर रंगों के इस पर्व को उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया, जो भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता का प्रतीक है।