भारत-अमेरिका के बीच नई रणनीति

 विनोद कुमार झा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में हाल के वर्षों में अस्थिरता देखने को मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लगाने की घोषणा से भारत के लिए चिंता का विषय पैदा हुआ है। हालांकि, भारत सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। अमेरिकी आयात पर टैरिफ घटाने की रणनीति अपनाकर भारत अपने निर्यात को संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन यह रणनीति कितनी प्रभावी होगी, यह समय ही बताएगा। 

अमेरिकी टैरिफ नीतियों का सबसे ज्यादा असर भारत के फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोबाइल निर्यात पर पड़ सकता है, जो मुख्यतः अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। यदि इन क्षेत्रों में उच्च टैरिफ लागू होते हैं, तो भारतीय कंपनियों को इंडोनेशिया, वियतनाम और इस्राइल जैसे प्रतिस्पर्धी देशों से चुनौती मिलेगी। इससे भारत को अपने बाजार का विस्तार करने और नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश करने की आवश्यकता होगी।  

भारत ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं के टैरिफ में कटौती करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को सकारात्मक दिशा में ले जाया जा सके। इससे 66 अरब डॉलर के कुल निर्यात में से 87% को संभावित टैरिफ के दायरे में आने से बचाने की उम्मीद है। यह रणनीति अमेरिका को यह संदेश देने के लिए भी महत्वपूर्ण है कि भारत व्यापारिक समझौतों में लचीला रुख अपनाने को तैयार है, बशर्ते कि उसे भी उचित रियायतें दी जाएं।  

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने भारत को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि अमेरिकी फास्ट ट्रैक ट्रेड अथॉरिटी की अनुपस्थिति में कोई भी व्यापारिक समझौता अमेरिकी कांग्रेस की जांच और संभावित संशोधन के अधीन रहेगा। ऐसे में भारत को किसी भी समझौते को अंतिम रूप देने से पहले दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करना चाहिए।  

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से यह स्पष्ट है कि भारत को अपने निर्यात को सुरक्षित रखने के लिए रणनीतिक रूप से कदम उठाने होंगे। टैरिफ कटौती एक तात्कालिक समाधान हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से भारत को अपने उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, नए बाजारों का विकास करने और घरेलू विनिर्माण को सशक्त करने की दिशा में कार्य करना होगा। अमेरिका के साथ व्यापारिक संतुलन बनाए रखना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन सही रणनीति अपनाने पर यह एक अवसर में भी बदल सकता है।

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