नववर्ष पर इंदिरापुरम में निकाली गई संगीतमय भव्य 'स्वर्वेद यात्रा'

 संजीव कुमार झा


ब्रह्मविद्या विहंगम योग के प्रणेता परम पूज्य स्वामी सदाफल देव जी महाराज के हिमालय की कंदरा में सतरह वर्ष की कठोर साधना के उपरांत उपजे स्वानुभूति की चिंतामणि और ब्रह्मविद्या विहंगम योग के संविधान 'स्वर्वेद' के प्रचारार्थ भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् 2082, सदाफलाब्द 137 के अवसर पर पूरे विश्व में रविवार 30 मार्च को 'एक दिन, एक साथ, एक समय' के नियम का पालन करते हुए स्वर्वेद यात्रा का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में ब्रह्मविद्या विहंगम योग के इंदिरापुरम संत समाज की ओर से भी रविवार 30 मार्च की सुबह आठ बजे से संगीतमय भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस स्वर्वेद यात्रा का शुभारंभ ज्ञान खंड 4 के मंगल बाजार चौक से हुआ, जो पुलिस प्रशासन की निगरानी और देखरेख में ज्ञान खंड, शक्ति खंड, नीति खंड, अभय खंड, रेल विहार, कैलास मानसरोवर भवन से होकर शांतिपूर्वक गुजरते हुए पुन: मंगल बाजार चौक पर संपन्न हुआ। 

स्वर्वेद यात्रा में 'स्वर्वेद', 'अ' अंकित श्वेत ध्वजा, होर्डिंग और बैनर थामे लगभग सौ साधक साधिकाओं एवं बाल हंसों की सफल भागीदारी रही। यात्रा के दौरान विहंगम योग संत समाज के सनातनी साधकों की ओर से स्वर्वेद और स्वामी सदाफलदेव जी महाराज के सम्मान में जमकर जयकारे लगाए गए। खास बात यह कि स्थानीय लोगों ने न केवल स्वर्वेद यात्रा का जगह जगह खुले दिल से स्वागत किया, बल्कि उन्होंने 'मन और आत्मा का योग' सिखाने वाली अनूठी विधा 'ब्रह्मविद्या विहंगम योग' और इसके संविधान 'स्वर्वेद' के बारे में जानने और इससे जुड़ने के प्रति भी भरपूर जिज्ञासा दिखाई। 

यात्रा के दौरान सामान्य जन को ब्रह्मविद्या विहंगम योग के बरे में उचित जानकारी देने, उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ विहंगम योग की मासिक पत्रिका का निशुल्क वितरण किया गया। यात्रा समाप्ति के उपरांत साधकों और अन्य श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया। 

इस स्वर्वेद यात्रा को सफल बनाने में इंदिरापुरम संत समाज के उपदेष्टाद्वय अरुण पाठक और बेबी पांडे, ब्रह्मविद्या विहंगम योग के वरिष्ठ प्रचारक विजय कुमार सिंह, विनय कुमार सिन्हा, राणा प्रताप सिंह, अखिलेश पांडे, श्रीराम साहू, सुरेश चौधरी, संजीव कुमार झा, नूपुर झा, उमेश सहाय, दीप्ति रंजन, आशा झा, निभा पाठक, शाश्वत पाठक, चिंकी पाठक, मानसी कंवल, भेषनाथ झा, प्रज्ञा पांडे, रूबी सिंह, सुभाष सिंह, मनीष मोहन, अमित प्रियतम, शशि कुमार दास, चंद्रशेखर, विनोद कुमार सिन्हा, अनुष्का सिंह, वैष्णवी सिंह, गौरी सिंह, प्रेक्षा, अथर्व आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा। 

उल्लेखनीय है कि स्वर्वेद के सम्मानार्थ वाराणसी के उमराहां में सात मंजिला भव्य स्वर्वेद मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है। इस भव्य और दिव्य मंदिर के पहले चरण का उद्धाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र व उप्र सरकार के कई मंत्रियों के अलावा तीन लाख से ज्यादा विहंगम योगियों की गरिमामयी मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2023 में किया था। 

यह स्वर्वेद मंदिर विश्व का संभवत: पहला और इकलौता ऐसा साधना केंद्र है, जहां एक साथ लगभग पच्चीस हजार साधक योग साधना कर सकते हैं।



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