आजकल इंटरनेट और अनपढ़ या अर्ध-शिक्षित लोगों की सलाह पर खुद से इलाज करना आम हो गया है। लेकिन याद रखें, हर बीमारी की अलग वजह होती है और उसका सही इलाज केवल प्रशिक्षित चिकित्सक ही बता सकते हैं। नीम हकीमों द्वारा दी गई गलत दवाएं कभी-कभी शरीर में गंभीर दुष्प्रभाव छोड़ जाती हैं, जिससे इलाज और भी कठिन हो जाता है।
गर्मी में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, और इस मौसम में गलत दवा लेने से एलर्जी, पेट संबंधी विकार, ब्लड प्रेशर की समस्या, हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में न आएं।
सरकार को भी चाहिए कि वह अवैध रूप से काम कर रहे नीम हकीमों और झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य शिविर, जागरूकता अभियान और स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है। आम नागरिकों को भी इस बारे में सतर्क रहना चाहिए और यदि उनके आसपास कोई नीम हकीम गलत इलाज कर रहा है, तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को देनी चाहिए।
समाज में जागरूकता जरूरी : स्वस्थ जीवन के लिए हमें खुद भी सतर्क रहना होगा और अपने परिवार, दोस्तों व समाज के अन्य लोगों को भी इस बारे में जागरूक करना होगा। निम्नलिखित बातों को हमेशा याद रखें:
1. बीमारी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें।
3. झोलाछाप डॉक्टरों और नीम हकीमों से बचें।
4. सरकारी या मान्यता प्राप्त अस्पतालों व क्लीनिकों में ही इलाज करवाएं।
5. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और प्राकृतिक रूप से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें।
स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं है। इसे किसी भी प्रकार की लापरवाही से खतरे में डालना उचित नहीं है। गर्मी के मौसम में सेहत को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि छोटी-छोटी गलतियां भी बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। इसलिए, किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर केवल योग्य चिकित्सक से ही परामर्श लें। झोलाछाप डॉक्टरों और नीम हकीमों से बचकर ही हम अपने जीवन को सुरक्षित और खुशहाल बना सकते हैं।