विनोद कुमार झा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार द्वारा ‘महिला समृद्धि योजना’ को मंजूरी देना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आने की संभावना है। यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की व्यापक सोच का हिस्सा है। जब किसी परिवार में महिला को सीधा आर्थिक लाभ मिलता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा, जिससे वे घर की आर्थिक फैसलों में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी।
दिल्ली की इस योजना को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा सकता है। विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने महिलाओं को हर महीने ₹2500 देने का वादा किया था, और अब इस योजना को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। बीजेपी प्रमुख जे.पी. नड्डा ने 5100 करोड़ रुपये का बजट जारी करने की घोषणा की है, जिससे साफ है कि सरकार इस योजना को प्राथमिकता दे रही है। AAP नेता आतिशी ने कहा कि योजना की राशि और प्रक्रिया कमिटी तय करेगी, यह दर्शाता है कि विपक्ष इस पर अपनी निगरानी रखेगा। हालांकि, राजनीतिक बहस के बावजूद, यह योजना उन महिलाओं के लिए राहत लेकर आएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
योजना के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां आ सकती हैं। सबसे पहले, पात्र महिलाओं की सही पहचान और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाना जरूरी होगा। इसके लिए सरकार ई-रजिस्ट्रेशन पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो स्वागत योग्य कदम है। इसके अलावा, बजट प्रबंधन भी एक बड़ी चुनौती होगी। अगर योजना को सुचारू रूप से चलाना है, तो इसे दीर्घकालिक वित्तीय दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। कई बार सरकारी योजनाएं शुरुआती जोश के बाद फंडिंग की कमी के कारण कमजोर पड़ जाती हैं। इसलिए, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के लिए दीर्घकालिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नवसारी में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ के दौरान नारी सम्मान को देश के विकास से जोड़कर देखा। यह स्पष्ट संकेत है कि केंद्र सरकार भी महिला-नेतृत्व वाले विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। दिल्ली की ‘महिला समृद्धि योजना’ इसी विचारधारा का विस्तार है, जिसमें महिलाओं को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का भी अवसर मिलेगा। यह योजना महिला-केन्द्रित नीतियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकती है। ‘महिला समृद्धि योजना’ केवल आर्थिक सहायता की योजना नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की एक मजबूत नींव भी रखती है। सरकार को इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देना होगा ताकि इसका लाभ वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचे। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है और अन्य राज्यों को भी ऐसी पहल करने के लिए प्रेरित कर सकती है।