प्रफुल्ल पांडेय खबर
नई दिल्ली । विश्व मलयाली परिषद (भारत क्षेत्र) और दिल्ली-एनसीआर मलयाली समुदाय की ओर से, हम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को अपनी गहन संवेदनाएँ और श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। हम इस अवसर पर स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा उद्देश्य किसी भी धर्म या समुदाय को दोषी ठहराना नहीं है। हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी धर्म का नहीं होता, यह एक विकृत मानसिकता का परिणाम है, जिसे बदलना अत्यंत आवश्यक है। कश्मीर और वहाँ के लोग भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। देश के हर नागरिक को वहाँ जाने, वहाँ के लोगों से जुड़ने और उनका समर्थन करने का समान अधिकार है। हमें मिलकर उस सुंदर धरती पर अमन और भाईचारे का वातावरण बनाना है।हम उन सभी शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं, जिन्होंने इस हमले में अपनों को खोया। वास्तव में, शब्द इस दुःख को व्यक्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हम उनके दुख में बराबर के सहभागी हैं। यह श्रद्धांजलि सभा शाम 4 बजे से 5 बजे तक जंतर मंतर नई दिल्ली में आयोजित की । इस अवसर पर हरिन्द्र दास, एडवोकेट डॉ. पॉल जॉर्ज गिरी, एडवोकेट एलेक्स जोसेफ, डॉ. अल्बर्ट अब्राहम, डोमिनिक जोसफ, मुरलीपिल्लई, राजेश्वरी त्यागराजन, जयराज नायर और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
Tags
Local news