बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में हलचल तेज, पटना में रणनीतिक बैठक आज

 बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच महागठबंधन ने अब अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। चुनावी रणभूमि में विजय पताका फहराने के उद्देश्य से आज पटना में महागठबंधन के सभी घटक दलों की अहम बैठक होने जा रही है। इस रणनीतिक बैठक का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव करेंगे। 

राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस बैठक की शुरुआत दोपहर 1 बजे से होगी। बैठक में राजद की ओर से तेजस्वी यादव के साथ राज्यसभा सांसद मनोज झा और सांसद संजय यादव भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम शिरकत करेंगे।

बैठक में वाम दलों से भाकपा-माले, भाकपा, और माकपा के राज्य सचिव मंडल के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी और देवज्योति को भी आमंत्रण भेजा गया है।

बैठक का मुख्य एजेंडा: सीट बंटवारा और रणनीति

सूत्रों के अनुसार, बैठक का मुख्य फोकस आगामी चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर रहेगा।  प्रमुख नेता अपने-अपने क्षेत्र की स्थिति और संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा करेंगे। सभी की यह कोशिश रहेगी कि पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए इस बार एक मजबूत और एकजुट रणनीति बनाई जाए।

हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनाना आसान नहीं होगा। राजद बिहार की 243 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। दूसरी ओर, कांग्रेस पिछली बार की तरह करीब 70 सीटें चाहती है। वाम दलों में खासकर सीपीआई-एमएल अपने बेहतर प्रदर्शन के आधार पर पिछली बार से अधिक सीटों की मांग कर रही है, वहीं वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी 35-40 सीटों पर दावा जता रहे हैं।

रालोजपा को नहीं भेजा गया निमंत्रण

इस बैठक में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) अध्यक्ष पशुपति पारस को निमंत्रण नहीं भेजा गया है। रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि पार्टी अभी एनडीए से अलग जरूर हुई है, लेकिन महागठबंधन में शामिल नहीं हुई है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पार्टी जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम का ऐलान करेगी। 

तेजस्वी के नेतृत्व पर सहमति की उम्मीद

महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर आम सहमति बनने की संभावना है। सभी दल एकमत होकर एकजुट रणनीति बनाना चाहते हैं ताकि भाजपा और एनडीए के सामने एक मजबूत विकल्प पेश किया जा सके।

आज की यह बैठक सिर्फ सीटों के बंटवारे की नहीं, बल्कि महागठबंधन की चुनावी दिशा और दशा तय करने वाली साबित हो सकती है।

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