मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित, हालात अब सामान्य

पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में भड़की हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एक नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। यह एसआईटी एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खुफिया शाखा), आतंकवाद निरोधक बल (सीआईएफ) और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के दो उप अधीक्षक, पांच निरीक्षकों तथा अन्य अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई है।

पिछले सप्ताह मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक पिता-पुत्र भी शामिल थे, वहीं पुलिस की गोलीबारी में एक अन्य व्यक्ति की जान गई। इस दौरान कई लोग घायल हुए और व्यापक स्तर पर संपत्ति का नुकसान भी हुआ।

मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम मौलवियों के साथ बैठक कर हिंसा की निंदा की और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी जाएगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि विरोध शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए और हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

शांतिपूर्ण विरोध का आह्वान

वहीं, पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अहमद हसन इमरान ने भी हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “हमें दिल्ली जाकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। टीएमसी के सांसद भी हमारे साथ होंगे। यह कानून हम पर थोपा गया है, लेकिन हिंसक विरोध इसका समाधान नहीं है।”

150 से अधिक गिरफ्तार, सुरक्षा बल तैनात

हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ की कई कंपनियों को क्षेत्र में तैनात किया। साथ ही, राज्य सरकार के अनुरोध पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई। अब तक मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज, धुलियान और अन्य प्रभावित इलाकों से 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस के अनुसार, फिलहाल क्षेत्र में स्थिति सामान्य है। दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतिम सरकार ने सोमवार को कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है और सभी लोग सुरक्षित हैं। पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य संयुक्त बल तैनात हैं।”

राज्य के पुलिस महानिदेशक ने खुद हालात का जायजा लिया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। प्रशासन ने एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है, जहां कोई भी व्यक्ति जरूरत पड़ने पर पुलिस से संपर्क कर सकता है।

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