विनोद कुमार झा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला न केवल निर्दोष जीवनों की क्षति का कारण बना, बल्कि इसने हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आतंकवाद के विरुद्ध हमारी रणनीति कितनी सतर्क और प्रभावी होनी चाहिए। इस गंभीर घड़ी में, देश के विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा दिखाया गया संयम और एकजुटता आशा का संदेश देता है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुशीनगर में पूर्व विधायक पूर्णमासी देहाती और पूर्व जिलाध्यक्ष शुकरुल्ला अंसारी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के अवसर पर मीडिया से बातचीत में जो बातें कहीं, वे राष्ट्रीय भावना को स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित करती हैं। अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से अपेक्षा जताई कि आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं, और आश्वासन दिया कि पूरा देश इस संघर्ष में सरकार के साथ खड़ा है।
यह दृष्टिकोण केवल राजनीतिक मर्यादा का पालन नहीं, बल्कि उस राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है, जो हर संकट के समय भारतीय समाज को एक सूत्र में बांधती रही है। यादव ने जिस तरह से स्पष्ट किया कि सरकार के पाकिस्तान के विरुद्ध लिए गए निर्णयों में विपक्ष का भी समर्थन रहेगा, वह लोकतांत्रिक परिपक्वता का उदाहरण है। साथ ही, उनका यह आग्रह कि "पहलगाम की चूक अब नहीं दोहरानी चाहिए" एक आवश्यक और समयोचित चेतावनी है। सुरक्षा व्यवस्था में एक भी छोटी चूक का परिणाम विनाशकारी हो सकता है। अतः यह अनिवार्य है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ भविष्य में अत्यधिक सतर्कता बरतें, तकनीकी और खुफिया जानकारी को और सशक्त करें तथा आतंरिक समन्वय को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
आज जब पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है, तब हमारा सामूहिक उत्तरदायित्व बनता है कि हम राजनीति से ऊपर उठकर, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हर संभव कदम में सरकार का समर्थन करें। याद रखना होगा कि आतंकवाद किसी एक पार्टी, राज्य या समुदाय की समस्या नहीं है यह समूची मानवता के विरुद्ध अपराध है। और इसका उत्तर भी एकजुटता, जागरूकता और कठोर नीतियों के माध्यम से ही संभव है।
पीड़ितों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम आतंक के विरुद्ध लड़ाई को केवल एक घटना तक सीमित न रखें, बल्कि इसे एक दीर्घकालीन संकल्प के रूप में अपनाएं ऐसा संकल्प, जिसमें भारत की अखंडता, नागरिकों की सुरक्षा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक भयमुक्त वातावरण सुनिश्चित करने की गारंटी हो।