कहानी: अपमान
गाँव पिपलवा की कच्ची पगडंडियों पर सुबह की हल्की धूप जब पसरी होती, तो हर किसी को रामू और श्यामू…
गाँव पिपलवा की कच्ची पगडंडियों पर सुबह की हल्की धूप जब पसरी होती, तो हर किसी को रामू और श्यामू…
विनोद कुमार झा पहाड़ों की मखमली गोद में बसा ‘मधुबन’ गाँव, किसी रहस्य से भरे लोक की तरह चारों ओर …
विनोद कुमार झा भारत की पौराणिक परंपरा केवल देवताओं और असुरों के संघर्ष की कहानी नहीं है, बल्कि य…
विनोद कुमार झा शहर की हलचल भरी गलियों में, जहाँ रात की रंगीन रोशनी शराब के गिलासों में घुल जात…
विनोद कुमार झा गांव की पगडंडी के दोनों ओर फैले सरसों के पीले फूल मानो धरती पर बिछी सुनहरी चादर…
विनोद कुमार झा गर्मी की हल्की गुलाबी सुबह थी। सूरज की किरणें मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और गुर…
विनोद कुमार झा गांव की तंग गलियों में कदम रखते ही आरव का दिल तेज़ी से धड़कने लगता था। उसे इंत…
विनोद कुमार झा गाँव की कच्ची गलियों में जब भी राधा की चूड़ियों की खनक गूंजती, तो ऐसा लगता मान…
विनोद कुमार झा शाम का धुंधलापन धीरे-धीरे पसर रहा था। हल्की ठंडी हवा सरसों के खेतों में लहराती हु…
विनोद कुमार झा चाँदनी रात, घना जंगल और उस सन्नाटे में अकेला खड़ा बबूल का वृक्ष… दूर से देखने प…
विनोद कुमार झा मृत्यु एक ऐसा रहस्य है, जो हर प्राणी के जीवन का अनिवार्य सत्य है। हम चाहे इसे स…
विनोद कुमार झा रात के अंधेरे में शहर की रोशनी जगमगा रही थी। ऊँची इमारतों के साये में एक नई दुनिय…
विनोद कुमार झा कहते हैं, जीवन में अपने और पराए की पहचान समय ही करवाता है। कभी-कभी जिन्हें हम अ…
जीवन एक पतंग के समान है, जो समय की हवाओं के साथ ऊँचाइयाँ छूता है और कभी-कभी कठिनाइयों में उलझ भी…
विनोद कुमार झा सूरज अपनी लालिमा समेटे क्षितिज के उस पार जाने को था। हल्की-हल्की ठंडी हवा चल र…
रवि और आर्या की शादी को दस साल हो चुके थे। शुरू में उनका रिश्ता बहुत मधुर था, लेकिन समय के साथ…